यह ब्लॉग खोजें

Mujhe Pila ke-Geet aur Kavita-24


मुझे पिला के ज़रा-सा क्या गया कोई मेरे नसीब को आकर जगा गया कोई  मेरे क़रीब से होकर गुज़र गई दुनिया मेरी निगाह में लेकिन समा गया कोई

कोई टिप्पणी नहीं: